कंप्यूटर की पीढीया(आधुनिक कंप्यूटर के विकास का इतिहास) part - 1

          

Kripal Computer Academy                          

     आधुनिक कंप्यूटर के विकास का इतिहास  

                        कंप्यूटर की पीढीया

                    PART-1

     ( Article Written by Pradeep Kumar Wadhwa)

कंप्यूटर की पीढीया  :- आधुनिक कंप्यूटर के विकास में लगा वह  समय जिसमें कंप्यूटर की तकनीक ,क्षमता , कार्य प्रणाली ,कंप्यूटर की स्पीड ( गति ) में परिवर्तन हुए उस समय को पाच भागो में बाटा गया है इन पाच भागो को ही कंप्यूटर की पाच पीढ़िया कहा जाता है 

1 प्रधम पीढ़ी  :- प्रधम पीढ़ी की समयावधि (1946-1956) थी .प्रथम पीढ़ी में ही  पहले  इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर "  ENIAC  " का , निर्माण 1946 में जेपी एकर्ट और मैकली   jp eckert  john mauchly  ने  साथ मिलकर किया  था। 

SOME EXAMPLES OF FIRST GEN . COMPUTERS 

1 ENIAC

2 EDSAC

3 EDVAC

4 UNIVAC

5 IBM-650

6 IBM-701   Etc. 

NOTE  :- FULL FORM OF ENIAC =  ELECTRONIC NUMERICAL INTEGRATOR AND COMPUTER

 प्रधम पीढ़ी के  कंप्यूटरों की विशेषताएँ

प्रधम पीढ़ी के  कंप्यूटरों की विशेषताएँ निम्नलिखित थीं:

1 प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग होता था

2 भंडारण के लिए चुंबकीय ड्रमों का उपयोग किया जाता था।

3 इनपुट तथा आउटपुट के लिए पंचकार्ड का प्रयोग

4 इन कंप्यूटरों का आकार बहुत बड़ा था जल्दी गर्म हो जाते थे

5 कंप्यूटर को ठंडा रखने के लिए  बहुत सारे  AC का प्रयोग किया जाता था |

 6   विद्युत व्यय बहुत अधिक था

7  कंप्यूटर प्रोग्रामिग के लिए  मशीनी भाषा एवम असेंबली भाषा का उपयोग  

                                             द्वितीय  पीढ़ी

 द्वितीय  पीढ़ी  :- द्वितीय  पीढ़ी की समयावधि (1956-1964) थी.द्वितीय  पीढ़ी में वैक्यूम ट्यूब्स  के  स्थान पर  ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया जिसके कारण कंप्यूटरों में बहुत सारे बदलाव देखने को मिले हैं जैसे:आकार छोटा होना, गति बढ़ना, अधिक विश्वसनीय होना यह सारी प्रक्रिया सन (1956-1964) तक चलती रही जिसे दूसरी पीढ़ी कहा जाता है विलियम शॉकली ट्रांजिस्टर विकसित करने वाले वैज्ञानिक थे

SOME EXAMPLES OF SECOND GEN . COMPUTERS 

1    UNIVAC - 1108

2    IBM- 1401

द्वितीय  पीढ़ी के  कंप्यूटरों की विशेषताएँ 

द्वितीय  पीढ़ी के  कंप्यूटरों की विशेषताएँ निम्नलिखित थीं:

द्वितीय  पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब्स के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग का  होता था

2 चुंबकीय ड्रमों के स्थान पर चुंबकीय टेप  उपयोग किया जाता था।

3 इनपुट तथा आउटपुट के लिए पंचकार्ड का प्रयोग

4 इन कंप्यूटरों का आकार प्रथम पीढी के कंप्यूटर से कम  था

 द्वितीय पीढ़ी  के कंप्यूटर को  भी ठंडा रखने के लिए   AC का प्रयोग किया जाता था |

 6  पहली पीढ़ी की तुलना में कम महंगा विद्युत व्यय भी  कम था

7  कंप्यूटर प्रोग्रामिग के लिए  FORTRAN , COBOL भाषा का उपयोग

                                             तृतीय पीढी 

 

तृतीय पीढी :- तृतीय  पीढ़ी की समयावधि (1964-1971) थी.तृतीय  पीढ़ी में ट्रांजिस्टर  के  स्थान पर integrated circuit ( IC)  का प्रयोग किया गया जिसके कारण कंप्यूटरों में बहुत सारे बदलाव देखने को मिले हैं जैसे:आकार छोटा होना, गति बढ़ना, अधिक विश्वसनीय होना यह सारी प्रक्रिया सन (1964-1971) तक चलती रही जिसे तृतीय पीढ़ी कहा जाता है जे .एस  किल्बी integrated circuit ( IC)  विकसित करने वाले वैज्ञानिक थे इसे सिलिकॉन की चिप पर   बनाया  गया था 

SOME EXAMPLES OF  THIRD  GEN . COMPUTERS 

 1 IBM 360

2  IBM 370

3  HONEYWELL 6000 

4 PDP -11  Etc .  

तृतीय पीढ़ी के  कंप्यूटरों की विशेषताएँ  

तृतीय पीढ़ी के  कंप्यूटरों की विशेषताएँ निम्नलिखित थीं: 

 1  तृतीय पीढ़ी में ट्रांजिस्टर  के  स्थान पर integrated circuit ( IC)  का प्रयोग किया गया  

 2   कंप्यूटरों का आकार पहले की तुलना में कम हुआ और वे ज्यादा तेज हो गए 

 3 कंप्यूटरों का बजन  भी पहले की तुलना में कम हुआ

3  इनपुट आउट पुट  के लिए पहली बार KEYOARD व् माउस का प्रयोग शुरू हो गया 

कंप्यूटर प्रोग्रामिग के लिए  FORTRAN , COBOL भाषा के साथ  साथ पास्कल  का उपयोग भी होने लगा था 

5 कंप्यूटर का रख रखाव आसान हो गया था

NOTE  :- मै आपको बता दूं कि आपको हर जगह कंप्यूटर जेनरेशन का अलग-अलग समय मिलेगा जिसमें 1, या 2  वर्ष  का अंतर हो सकता है, इसलिए इस बात की टेंशन न करें क्युकी ये अनुमानित आकडे होते है

 

0 Comments